गुमला जिले की बरडीह पंचायत के 11 गांवों में बकरी चोरों के आतंक के कारण ग्रामीणों ने फरमान जारी किया है. शाम छह बजे के बाद गांव में अनजान लोगों की नो एंट्री होगी. ग्रामीणों ने रतजगा कर चोरों का सेंदरा करने का निर्णय लिया है.

गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित बरडीह पंचायत के 11 गांवों के ग्रामीण बकरी चोरों के आतंक से परेशान हैं. एक महीने के अंदर 40 से 45 बकरी और खस्सी की चोरी हो चुकी है. चोरों के आतंक को रोकने और उन्हें पकड़ने के लिए ग्रामीणों ने रविवार को उरू गांव में बैठक कर फरमान जारी किया है. शाम छह बजे के बाद अब अनजान लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए बरडीह पंचायत के बॉर्डर इलाके सिविल और सोकराहातु गांव में नो एंट्री का बोर्ड लगाया जाएगा. ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि पुलिस को सूचना देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. इसलिए बकरी चोरों को पकड़ने के लिए बॉर्डर इलाके में कड़ी नजर रखी जाएगी. टीम बनाकर सभी 11 गांवों में ग्रामीण रतजगा करेंगे. चोर पकड़े जाते हैं तो उसकी पिटाई (सेंदरा) की जाएगा. इसके बाद पुलिस को सौंपा जाएगा.
नक्सलवाद से मुक्त की राह पर गांव
15 लाख के इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव के मारे जाने और सबजोनल कमांडर रंथू उरांव के पकड़े जाने के बाद बरडीह पंचायत का इलाका नक्सल से मुक्त की राह पर है. नक्सल से निपटने के लिए ही कुरूमगढ़ गांव में थाना की स्थापना हुई है. इस क्षेत्र में तीन पुलिस पिकेट भी लगा है, परंतु अब इस क्षेत्र के लोग नक्सल से कम और चोरों से ज्यादा भयभीत हैं.
अब बकरी चोरों को पकड़कर पीटेंगे फिर पुलिस को सौंपेंगे
तबेला गांव के राज कुमार कहते हैं कि उनका इलाका कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र में आता है. पशुपालन कर वह जीविका चलाते हैं, परंतु कुछ दिनों से बकरी चोरी की घटना बढ़ी है. अब चोरों को पकड़कर पीटेंगे. तब पुलिस को सौंपेंगे.
बकरी चोरों को पकड़े पुलिस
बरडीह गांव के मधु उरांव ने कहा कि एक महीना से बकरी चोरी से परेशान हैं. उनके घर में भी चोर घुसा था, पर चोर भाग गया. पुलिस चोरों को पकड़े. नहीं तो मजबूरी में बड़ी कार्रवाई करनी होगी.
शातिर चोरों को सबक सिखाने के लिए कर रहे रतजगा
केवना गांव के रिंकू कोरवा ने कहा कि बकरी चोरों को पकड़ने के लिए रात को अब जाग रहे हैं. चोर शातिर हैं. ग्रामीण पहनावे में गांव में घुसकर हर एक-दो दिन के बाद बकरियों की चोरी कर रहे हैं.