नाविकों ने शांति भंग में जेल भेजे गए नाविकों की रिहाई की मांग करते हुए सोमवार को नौका संचालन बंद कर दिया। दोपहर बाद नाविकों की जेल से रिहाई हो गई, लेकिन नाविकों का धरना खत्म नहीं हुआ।

गंगा में सोमवार को नावें नहीं चलीं। इससे पर्यटक घाटों का दीदार नहीं सके। जल पुलिस और एनडीआरएफ पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर नाविकों ने नौका संचालन बंद कर किया। नाविकों ने दशाश्वमेध घाट पर सभा की और शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। जल पुलिस, नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर वार्ता करने का प्रयास किया गया, लेकिन नाविकों की मांग बदलते रहने की वजह से वार्ता नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। गंगा में करीब 2500 छोटी-बड़ी नावें चलती हैं।